पागल बनते रहो—

पागल बनते रहो—

अपने सपने कभी किसीको मत बताओ….. तुम क्या करना चाहते हो जीवन में , क्या बनना चाहते हो कभी भी गलती से भी मत बताओ…

बस चुप चाप तैयारी करते रहो अपने सपनों के लिए क्योंकि ये जो दुनियाँ हैं ना वो तैयार बैठी हैं कमियाँ निकालने के लिए , तुम्हें परेशान और Disturb करने के लिए |

तुम्हारे घर से लेकर बाहर तक सब लोग बैठे हैं ये केहने के लिए कि “मैंने तो पहले ही कहा था इसमें कुछ नहीं होना” |

जब तुम अपना सपना बता देते हो तो वो तुम्हें बार बार ये पूछकर irritate करते हैं “क्या हुआ भाई तेरा सपना पूरा हुआ या नहीं”. अब सिर्फ तुम्हें पता हैं सपना पूरा करने में समय लगता है संघर्ष लगता हैं लेकिन उस ऊँगली करने वाले इंसान को नहीं पता |

ये दुनियाँ तुम्हें Irritate ना करें इसके लिए पागल बनके रहो क्योंकि ये दुनियाँ एक ही इंसान से नहीं उलझती और वो हैं पागल |

जब कोई पूछे तुमसे की क्या बनना चाहते हों ? तो कह दो डाकू बनना चाहते हैं help कर दीजिये |

वो तुमसे आगे सवाल ही नहीं करेगा | और जब तुमसे कोई कहे की फैलाने के बेटा ये कर रहा हैं उसका बेटा वो कर रहा हैं तो खुदको insult feel करके अपने सपने की पौल मत खोल देना की “मैं भी ये कर रहा हूँ !” ऐसी गलती मत करना वरना दुनियाँ तुम्हें तब तक परेशान करेगी जब तक तुम हार ना जाओ या उस सपने को भूल ना जाओ |

तुम अभी अपनी insult की चिंता मत करो बस अपने सपनों की चिंता करो | जैसे ही तुम्हारा सपना पूरा होगा तुम्हें परेशान करने वालों की संख्या कम हो जाएँगी |

और मैं तुम्हें एक बात बतादूँ हर इंसान सफलता को अलग अलग तरीके से देखता हैं | गरीब आदमी के दिमाग में बस एक ही बात चलती हैं कि जिसके पास गाड़ी हैं , बंगला हैं , अच्छा खासा बैंक बैलेन्स हैं सिर्फ वही व्यक्ति सफल हैं |

जबकि असल में सफल व्यक्ति वो होता हैं जिसने जो लक्ष्य बनाया और वो उस लक्ष्य को हासिल कर लें ऐसा व्यक्ति सफल होता हैं |

जैसे की अगर कोई student हैं उसने लक्ष्य बनाया exam में 90% Marks लाने का और जब वो इसे हासिल कर लेगा तो इसे भी सफल student माना जायेगा |

इसी तराह आप कोई भी लक्ष्य बनाते हो चाहे किसी महिला को Impress करके उससे शादी करने का लक्ष्य हो , चाहे सरकारी नौकरी का या फिर Private Business का लक्ष्य हो | जब आप अपने उस लक्ष्य को हासिल कर लोगे तो आप अपनी नज़रो में सफल हो जाओगे | पर दूसरे लोग इसे अलग ढंग से देखते हैं, मैं आपको समझता हूँ कैसे :-

एक doctor हैं और एक advocate हैं ये दोनों ही सफल व्यक्ति हैं लेकिन जब एक doctor को वकील के बारे में उसकी धाराओं के बारे में पूछा जाये तो क्या वो सही से बता पायेगा ?

नहीं! वो शून्य हैं वकालत के क्षेत्र में इसी तरह अगर वकील को डोक्टोरी के बारे में पूछा जाये तो क्या वो भी सही से ज़वाब दे पायेगा ?

नहीं! वो भी शून्य हैं लेकिन वो दोनों सफल तो हैं लेकिन दोनों के क्षेत्र और देखने का नज़रिया अलग अलग होगा |

Doctor डॉक्टरी के क्षेत्र में expert हैं और advocate वक़ालत के क्षेत्र में expert हैं | ये दोनों एक दूसरे के क्षेत्र के लिए advice नहीं दे सकते क्योंकि दोनों को एक दूसरे के क्षेत्र के बारे में सही से पता ही नहीं होता हैं

लेकिन फिर भी वो ज्ञान देते हैं यही हमारा असली समाज हैं और इन्ही लोगों से बचकर रहना चाहिए की जिस क्षेत्र के बारे में किसीको knowledge ही नहीं हैं उस क्षेत्र के बारे में अच्छा या बुरा कैसे बता सकता हैं कोई ?

इसलिए हर इंसान के लिए उसकी सफलता के मायने अलग अलग होते हैं जबकि सफलता की एक ही परिभाषा हैं की जो तुमने लक्ष्य बनाया उसे हासिल करलो बस तुम सफल हो